यंग इंडियन मामले में गांधी परिवार को आयकर ट्रिब्यूनल ने बड़ा झटका दिया है.
नई दिल्ली: यंग इंडियन मामले में गांधी परिवार को आयकर ट्रिब्यूनल ने बड़ा झटका दिया है. यंग इंडियन मामले में 100 करोड़ रुपये टैक्स का मामला फिर खुलेगा. आयकर ट्रिब्यूनल ने गांधी परिवार की याचिका ख़ारिज की. राहुल गांधी ने यंग इंडियन को चैरिटेबल ट्रस्ट बनाने की अर्जी दायर की थी लेकिन ट्रिब्यूनल ने उसे खारिज कर दिया. आयकर ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में यंग इंडियन को वाणिज्यिक संगठन बताया.
नेशनल हेराल्ड मामले में इनकम टैक्स विभाग के टैक्स असेसमेंट से जुड़े नोटिस को चुनौती देने वाली राहुल सोनिया गांधी की याचिका खारिज कर दी गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने वित्तीय वर्ष 2011-2012 के लिए टैक्स के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जारी किए गए आयकर नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया है।जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस एके चावला की पीठ ने कहा कि याचिकाएं खारिज की जाती हैं। पीठ ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस की याचिका भी खारिज कर दी। उन्होंने भी 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी।इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। दरअसल, राहुल और सोनिया गांधी ने याचिका दायर कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के उस नोटिस को चुनौती दी है जिसमें नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया के टैक्स मूल्यांकन की दोबारा जांच करने को कहा गया है।
5000 करोड़ रुपये का गबन
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी यंग इंडिया कंपनी के डायरेक्टर थे और इस बात को छुपाया गया। इस कंपनी ने 5000 करोड़ रुपये गबन किया था जिसे देश से छुपाया गया। इससे देश को बड़ा नुकसान हुआ। संबित ने कहा कि आज गांधी परिवार को एक ऐसे परिवार के रूप में जाना जाता है जो टैक्स चोरी करता है, यह ऐसे भ्रष्टाचारी लोगों का परिवार है जो भूमि के कानून के खिलाफ षड्यंत्र करता है।
कालेधन को सफेद करने का रास्ता
संबित ने कहा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछना चाहता हूं कि 2011-12 में इनकम टैक्स का असेसमेंट गलत क्यों किया गया। दरअसल, मनमोहन सिंह मां और बेटे को बचाना चाहते थे। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यंग इंडिया कांग्रेस के कालेधन को सफेद करने का रास्ता था। यंग इंडिया कंपनी के भ्रष्टाचार में कांग्रेस का सिर्फ हाथ ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा शरीर डूबा हुआ है। कांग्रेस के लिए परिवार ही पार्टी है।
शेयर की मार्केट वैल्यू भी चेक की जाती है
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता ने कहा था कि पहले यंग इंडिया के 2010 में केवल दो शेयर होल्डर के पास 550 शेयर थे। फिर इसे 100 रुपये प्रति शेयर के दर से खरीदा गया था। ये जानकारी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से हमें मिली। शेयर की मार्केट वैल्यू भी चेक की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।