नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सागर में हुई दलित की हत्या मामले में राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले बीजेपी ने इस मामले में काँग्रेस को जमकर घेरने की कोशिश की। तो अब कांग्रेस ने नए खुलासे कर इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देख प्रदेश की फ़िज़ा खराब करने का आरोप बीजेपी पर लगाया है।
सागर में दलित युवक धनप्रसाद अहिरवार की हत्या पर प्रदेश में चल रहा सियासी तूफान थमने का नाम नही ले रहा है। बीजेपी ने इस मामले को राजनैतिक मुद्दा बनाने में कोई कसर नही छोड़ी तो अब काँग्रेस ने इस मामले में नए खुलासे कर बीजेपी पर पटलवार किया है। बुधवार को काँग्रेस की प्रदेश मीडिया सेल की अध्यक्ष शोभा ओझा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस मामले पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए मृतक की अन्तिक यात्रा में पार्थिव शरीर को जलाने से रोकने का प्रयास बीजेपी नेताओं ने किया।
ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशों पर मृतक के इलाज की बेहतर से बेहतर व्यवस्था की गई। उसे एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया। लेकिन बीजेपी एक दलित की लाश पर राजनीति कर रही है, ओझा ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में किसी की मौत के बाद करीब 13 दिन घर के लोग बाहर नही निकलते।
लेकिन बीजेपी ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए सागर की जनसभा में मृतक की विधवा को घंटो बैठाए रखा और उसके सामने भाषण बाज़ी करते रहे। जो कि पूरे दलित समाज का अपमान है। काँग्रेस ने सवाल किया कि जिसकी मौत पर बीजेपी राजनीति कर रही है बीजेपी नेताओं ने उसके परिजनो की कितनी मदद की है।
दूसरी तरफ बीजेपी काँग्रेस के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह का कहना है काँग्रेस के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं। बीजेपी सिर्फ दलित की हत्या के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ रही है। बीजेपी अध्यक्ष ने सरकार पर एक धर्म विशेष के आरोपी को बचाने का आरोप भी दोहराया।
इस मामले में काँग्रेस ने वीडियो और अन्य दस्तावेज भी मीडिया से सामने रखे हैं। साथ ही मृतक के एक परिजन को सरकारी नौकरी, आर्थिक सहायता और एक मकान दिए जाने की बात भी की । लेकिन जिस तरह से प्रदेश के राजनैतिक गलियारों में इस मामले पर बयानबाज़ी चल रही है उससे लगता है कि अभी दलित की मौत पर प्रदेश में राजनीति जारी रहेगी।