मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) की आज 101वीं जयंती है। कैफ़ी आजमी का जन्म 14 जनवरी, 1919 को यूपी के आजमगढ़ में हुआ था। कैफ़ी ने कई सारी फिल्मों के लिए भी गीत लिखे।
उन्होंने पाकीजा, हंसते जख्म, अर्थ, अनुपमा और सात हिंदुस्तानी जैसी फिल्मों में काम किया था। उनकी जयंती को खास बनाने हुए, गूगल ने डूडल बनाकर महान शायर कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi Google Doodle) को याद किया है।
20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध शायरों में एक कैफ़ी आज़मी ने अपनी पहली कविता 11 साल की उम्र में लिखी थी। कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi Poems) उस वक्त 1942 में हुए महात्मा गांधी के भारत छोड़ा आंदोलन से प्रेरित।
कैफ़ी आज़मी की जयंती को प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर याद किया।
कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi 101st Birthday) के जन्मदिन पर पढ़िये उनके ये प्रसिध्द शायरियाँ...
वो सर्द रात जबकि सफ़र कर रहा था मैं
रंगीनियों से जर्फ़-ए-नज़र भर रहा था मैं
तेज़ी से जंगलों में उड़ी जा रही थी रेल
ख़्वाबीदा काएनात को चौंका रही थी रेल
मुड़ती उछलती काँपती चिंघाड़ती हुई
कोहरे की वो दबीज़ रिदा फ़ाड़ती हुई
पहियों की गर्दिशों में मचलती थी रागनी
आहन से आग बन के निकलती थी रागनी
पहुँची जिधर ज़मीं का कलेजा हिला दिया
दामन में तीरगी के गरेबाँ बना दिया
झोंके हवा के बर्फ़ बिछाते थे राह में
जल्वे समा रहे थे लरज़ कर निगाह में